Maithili Gajal मैथिली गजल
नैई जानि किय आई हमर सूना दिलक दलान छै ।
प्रिया बेगर आई हमर छटपटा रहल प्राण छै ।
खुल’ल कारी घन्घोर केस संगें परि सनक चेहरा ,
सबकिछु भुईलके मन बनि रहल बैईमान छै ।
आँईखक पेटरीमे बन्द चेहरा बड तडपावैय ,
आँईखक देखल सपनासँ हमर दिल अन्जान छै ।
सपना देख’वाला आँईख आई अराम कर’ चाहैय ,
प्रेमक बोझसँ थरथरा रहल दिलक मचान छै ।
ककरासँ की कहि किछु नैई फुरैय हमरा ,
हमर आँईख खुल’ल आ बन्द भ’रहल जुबान छै ।