मैथिली गजल (Maithili Gajal): दिलक बात ककरासँ कहि नैई किओ सुन्निहार छै
दिलक बात ककरासँ कहि नैई किओ सुन्निहार छै ।
बिना आइगके डहिक’ दिल बनिरहल अचार छै ।
केहेन जवाना एलै घाँसक रखबारी घोडा करैय ,
दिलक तिजौडी चोरारहल दिलेक’ पहरदार छै ।
टुईट गेलै रिस्ता नाता आ लुईट गेलै सब सपना ,
दोसरके की कहि अपनें लोग बनिगेल पैकार छै ।
ककर आश करि आ ककरापर आब करि भरोसा ,
दिनोदिन रिस्ता रिस्ता बिचमे बनिरहल दरार छै ।
आब त’ फुईक फुईकके डेग बढावके छै अगाडी ,
अहिठाम ककरो नैई कोई है गोलमोल संसार छै ।