★दीवाली★(बाल कविता) (Diwali Maithili Kabita)
दीयावाती पावनि आबै छै
सबहक हिया हुलसाबै छै।
आंगन घर चमकाब’ लेल,
रंग पेन्ट पोताबाब’ लेल।।
लड्डू बताशा लाब’ लेल
तिलकोर तरुआ छनाब’लेल।
लक्ष्मी-गणेश घर अनबै हम,
सपरिवार मिली पूजबै हम।।
घरे घरे दीया जराब’ लेल,
हिलमिल खुशी मनाब’ लेल।
हुक्कलोली ऊक भजबै हम,
फूलझड़ी फटक्का फोड़बै हम।।
जंगल झार उजार’ लेल
घुरा दुरा पजार’ लेल।
दीयावाती पावनि आबै छै,
सबहक हिया हुलसाबै छै।।
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अवधेश झा।।